
दिग्गज टेक कंपनी ऐपल (Apple) ने पिछले 12 महीनों में भारत में करीब 22 अरब डॉलर (लगभग ₹1.83 लाख करोड़) के iPhone बनाए हैं। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 60% ज्यादा है, जिससे साफ है कि कंपनी अब चीन के बजाय भारत में मैन्युफैक्चरिंग पर तेजी से फोकस कर रही है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अब Apple अपने कुल iPhone प्रोडक्शन का 20% यानी हर पांच में से एक फोन भारत में बना रही है। यह जानकारी सीधे तौर पर सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन इससे जुड़े लोगों ने इसे साझा किया।
अमेरिका भेजे ₹1.5 लाख करोड़ के iPhone
भारत में बने iPhone का एक बड़ा हिस्सा एक्सपोर्ट कर दिया गया है। देश के आईटी मंत्री के मुताबिक, Apple ने मार्च 2025 तक खत्म हुए वित्त वर्ष में करीब ₹1.5 लाख करोड़ ($17.4 अरब) के iPhone दूसरे देशों में भेजे हैं, जिनमें अमेरिका प्रमुख है।
यह बढ़त उस वक्त आई जब फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कुछ चीनी सामानों पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसके बाद ऐपल ने भारत से अमेरिका भेजने वाले iPhone की संख्या बढ़ा दी।
हालांकि, ट्रंप सरकार ने हाल ही में स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामान को टैरिफ से छूट दे दी है। इसका मतलब ये है कि भारत में बने iPhone पर अमेरिका में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा, जिससे ऐपल को फायदा मिलेगा।
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कौन बना रहा है भारत में iPhone?
भारत में iPhone बनाने का सबसे बड़ा केंद्र फॉक्सकॉन (Foxconn) की फैक्ट्री है, जो दक्षिण भारत में स्थित है। इसके अलावा टाटा समूह ने विस्ट्रॉन (Wistron) की यूनिट खरीद ली है और अब पेगाट्रॉन (Pegatron) के काम को भी संभाल रहा है।
Apple को मिल रही है भारत सरकार से मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया योजना और सरकार की सब्सिडी स्कीमों से भी Apple को भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने में मदद मिली है। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए नई ₹22,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना भी पेश की है और अब वह सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा दे रही है।
हालांकि Apple ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ाई है, लेकिन अभी उसकी सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा चीन पर ही निर्भर है। करीब 200 से ज्यादा सप्लायर्स अभी भी चीन में हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल को अपनी सिर्फ 10% प्रोडक्शन क्षमता चीन से हटाने में भी 8 साल तक का समय लग सकता है।
भारत के स्मार्टफोन बाजार में Apple की हिस्सेदारी अभी लगभग 8% है, लेकिन वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की बिक्री करीब ₹66,000 करोड़ ($8 अरब) तक पहुंच गई है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान iPhone का रहा